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27 Nov 2008

हिन्दी दिवस समारोह

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष १४ सितम्बर को मनाया जाता है। इस वर्ष भी भाद्रपद माह की चतुर्दशी शक सम्वत १९३० अर्थात १४ सितम्बर २००८ को गत वर्षों की तरह हिन्दी दिवस का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों ने कविता पाठ, हिन्दी लेखन सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। १४ सितम्बर १९४९ को संविधान सभा ने सर्वसम्मति से हिन्दी को राजभाषा मान लिया था। इसी महत्वपूर्ण निर्णय को प्रतिपादित करने व् हिन्दी को प्रसारित करने हेतु ये आयोजन किए जाते हैं।
स्वतंत्र भारत की राजभाषा के प्रश्न पर गहन विचार- विमर्श के उपरांत जो निर्णय हुआ वह भारतीय संविधान के १७वे अध्याय की धारा ३४३ (१) में निम्न प्रकार से वर्णित है : "संघ की भाषा हिन्दी व् लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों में प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय होगा।"

हिन्दी भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। चीनी भाषा के बाद हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा भारतीय व् विदेशियों को मिला कर ६० करोड़ से भी अधिक लोगों द्वारा बोलने, पढने एवं लिखने हेतु प्रयुक्त होती है। भारत के अतिरित्क्त फिजी की राजभाषा भी हिन्दी है। मारीशस, गयाना, सूरीनाम के अधिक भागों तथा नेपाल के कुछ भागों में भी यही भाषा बोली जाती है।
भाषाविद हिन्दी को चार शैलियों में विभाजित करते हैं।
१) उच्च हिन्दी -हिन्दी का मानकीकृत रूप जिसकी लिपि देवनागरी है। इसमें संस्कृत भाषा के बहुत शब्द हैं, जिन्होंने फारसी और अरबी के कई शब्दों का स्थान ले लिया है। इसे शुद्ध हिन्दी भी कहा जाता है । वर्तमान में बहुत से अंग्रेज़ी के शब्द भी इसमें सम्मिलित हो गए हैं (विशेषतया दैनिक बोल चाल के प्रयोग में )। यह खड़ी बोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में बोली जाती थी। भाषा का यह रूप ही भारतीय संघ की राजभाषा है।
२) दक्खिनी - हिन्दी का वह स्वरुप जो हैदराबाद तथा उसके आसपास के स्थानों में प्रयोग होता है । उर्दू की अपेक्षा इसमें फारसी-अरबी के शब्द कम होते हैं।
३) रेख्ता - शायरी में प्रयुक्त होने वाला उर्दू का रूप।
४) उर्दू -हिन्दी का वह रूप जो देवनागरी के स्थान पर फारसी- अरबी लिपि में लिखा जाता है । इस रूप में संस्कृत के कम तथा फारसी- अरबी के शब्द अधिक प्रयोग होते हैं । यह भी खड़ी बोली पर ही आधारित है।

हिन्दी और उर्दू दोनों को मिलाकर हिन्दुस्तानी भाषा कहा जाता है। हिन्दुस्तानी, मानकीकृत हिन्दी एवं मानकीकृत उर्दू के दैनिक बोलचाल की भाषा है। इसमें तद्भव शब्द अधिक व् शुद्ध संस्कृत एवं शुद्ध फारसी-अरबी के शब्द कम होते हैं।

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